हम आज तक इस सवाल पर क्यों लड़ रहे हैं कि अकबर महान था या नहीं?

कुछ दिनों पहले यह तस्वीर मुझे एक वेबसाइट पर मिली। यह नजारा अमरीका की एक सड़क का है जिसे स्वामी विवेकानंद का नाम दिया गया है। पास में अमरीकी झंडा लहरा रहा है। मैं अमरीका की वैश्विक नीतियों का प्रशंसक नहीं हूं लेकिन इसके लोकतंत्र की सदैव तारीफ करता हूं।
अमरीका और ब्रिटेन दो ऐसे देश हैं जिनका लोकतंत्र पूरी दुनिया के लिए मिसाल है। चीन की शासन पद्धति इससे कुछ अलग है लेकिन एक खास मामले में मैं चीन का भी प्रशंसक हूं।
अगर ब्रिटिश शासन के समय ब्रिटेन की महारानी या वहां के प्रधानमंत्री से पूछा जाता कि आपका सबसे बड़ा दुश्मन कौन है, तो उनका जवाब होता कि भारत में रहने वाला मोहनदास कर्मचंद गांधी नाम का एक वकील हमारे साम्राज्य का सबसे बड़ा दुश्मन है। नाक में दम कर रखा है।
न उसे शानो-शौकत पसंद है और न ही उसके पास घातक अस्त्र हैं। न वह झुकता है और न डरता है। लोग उसका नाम सुनकर पागल हुए जा रहे हैं। जिधर लाठी लेकर चलता है, हुजूम उमड़ आता है। आखिर उसके पास ऐसा क्या है?
लेकिन उसी मोहनदास कर्मचंद गांधी की प्रतिमा आज ब्रिटेन की संसद में स्थित है। आज ब्रिटेन का प्रधानमंत्री उसके सामने सिर झुकाता है और कहता …
अमरीका और ब्रिटेन दो ऐसे देश हैं जिनका लोकतंत्र पूरी दुनिया के लिए मिसाल है। चीन की शासन पद्धति इससे कुछ अलग है लेकिन एक खास मामले में मैं चीन का भी प्रशंसक हूं।
अगर ब्रिटिश शासन के समय ब्रिटेन की महारानी या वहां के प्रधानमंत्री से पूछा जाता कि आपका सबसे बड़ा दुश्मन कौन है, तो उनका जवाब होता कि भारत में रहने वाला मोहनदास कर्मचंद गांधी नाम का एक वकील हमारे साम्राज्य का सबसे बड़ा दुश्मन है। नाक में दम कर रखा है।
न उसे शानो-शौकत पसंद है और न ही उसके पास घातक अस्त्र हैं। न वह झुकता है और न डरता है। लोग उसका नाम सुनकर पागल हुए जा रहे हैं। जिधर लाठी लेकर चलता है, हुजूम उमड़ आता है। आखिर उसके पास ऐसा क्या है?
लेकिन उसी मोहनदास कर्मचंद गांधी की प्रतिमा आज ब्रिटेन की संसद में स्थित है। आज ब्रिटेन का प्रधानमंत्री उसके सामने सिर झुकाता है और कहता …